Monday, April 11, 2005

विडम्बना

सरकारी बस
एक तो लेट चली
दूसरे दुर्घटना भी न टली
ऊपर से ये नारा
दुर्घटना से देर भली।

***

-महेश मूलचंदानी

4 comments:

रवि रतलामी said...

वाह भाई क्या बात कही है.

नर्मदा तीरे said...

रवि भाई प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद।

Preet said...

wah bhai wah

neaha said...

jiyo hazaro saal